बढ़ते पारे से सब्जियों को भी लगेगी लू! |
रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली June 01, 2012 |
सब्जियां अभी आपको भले ही सस्ती लग रही हों, लेकिन चढ़ता पारा इनकी फसल को बर्बाद कर रहा है। इससे सब्जियों की आपूर्ति घट सकती है और बढ़ती मांग के बीच उनके दाम बढ़ सकते हैं।
अखिल भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गधावे के मुताबिक हाल ही में उगी सब्जियों में गर्मी के कारण फूल घट गए हैं और कई सब्जियों में 50 फीसदी फूल ही आ रहे हैं। इनके अलावा तैयार सब्जी भी गर्मी में नष्ट हो रही है। इससे सब्जियों की आपूर्ति घटने का अंदेशा है। गोभी, मटर और बींस के लिए गर्मी या लू को खास तौर पर नुकसानदेह बताया जाता है।
आजादपुर मंडी के सब्जी कारोबारी ओमप्रकाश वर्मा कहते है कि फिलहाल तो सब्जियां सस्ती है, लेकिन गर्मी से होने वाले नुकसान का असर जून बीतते-बीतते दिख जाएगा। इसी मंडी के सब्जी कारोबारी शंशांक जैन भी मानते हैं कि गर्मी से आपूर्ति घटने के आसार दिख रहे हैं और 15 दिन में ही सब्जियां महंगी हो सकती हैं।
अलबत्ता मई में सब्जियों के दाम काफी नीचे आ गए थे। सब्जी कारोबारी सुभाष चुघ के मुताबिक आपूर्ति बढऩे से मई में सब्जियां 25 से 40 फीसदी सस्ती हो गईं। थोक बाजार में 12 से 14 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाली लौकी और तोरई इस दौरान गिरकर 8 से 10 रुपये और 12 से 15 रुपये बिक रहा टमाटर 4 से 9 रुपये प्रति किलो बिकने लगा। भिंडी, बैगन, बींस और परमल जैसी सब्जियों के भी दाम कम हुए हैं, जिनका असर खुदरा बाजार में भी नजर आया।
अखिल भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गधावे के मुताबिक हाल ही में उगी सब्जियों में गर्मी के कारण फूल घट गए हैं और कई सब्जियों में 50 फीसदी फूल ही आ रहे हैं। इनके अलावा तैयार सब्जी भी गर्मी में नष्ट हो रही है। इससे सब्जियों की आपूर्ति घटने का अंदेशा है। गोभी, मटर और बींस के लिए गर्मी या लू को खास तौर पर नुकसानदेह बताया जाता है।
आजादपुर मंडी के सब्जी कारोबारी ओमप्रकाश वर्मा कहते है कि फिलहाल तो सब्जियां सस्ती है, लेकिन गर्मी से होने वाले नुकसान का असर जून बीतते-बीतते दिख जाएगा। इसी मंडी के सब्जी कारोबारी शंशांक जैन भी मानते हैं कि गर्मी से आपूर्ति घटने के आसार दिख रहे हैं और 15 दिन में ही सब्जियां महंगी हो सकती हैं।
अलबत्ता मई में सब्जियों के दाम काफी नीचे आ गए थे। सब्जी कारोबारी सुभाष चुघ के मुताबिक आपूर्ति बढऩे से मई में सब्जियां 25 से 40 फीसदी सस्ती हो गईं। थोक बाजार में 12 से 14 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाली लौकी और तोरई इस दौरान गिरकर 8 से 10 रुपये और 12 से 15 रुपये बिक रहा टमाटर 4 से 9 रुपये प्रति किलो बिकने लगा। भिंडी, बैगन, बींस और परमल जैसी सब्जियों के भी दाम कम हुए हैं, जिनका असर खुदरा बाजार में भी नजर आया।
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